Parishram (HardWork) | परिश्रम |
Lahron ki tarah behte hai jo pholoon ki tarah makhte hai vo hawanoo me jhoomte hai jo aasmaan se vishaal banate hai vo samay ki kadar karte hai jo jeevan me aage badhte hai vo bhagya par nhi parisrum par nirbhar hote hai jo kayenath ko badal dete hai vo badal dete hai vo! | लहरों की तरह बहते हैं जो फूल की तरह मख्ते है वो हवा में झूमते है जो आसमान से विशाल बनते हैं वो समय की कदर करते हैं जो जीवन में आगे बढ़ते हैं वो भाग्य पर नहीं परिश्रम पर निर्भार होते हैं जो कायनाथ को बदल देते हैं वो बदल देता है वो! |
The Greedy Monk